1. डबल टॉप चार्ट पेटर्न (Double Top Chart Pattern in Hindi)
ट्रेडिंग के लिए डबल टॉप चार्ट पेटर्न सबसे बेस्ट है क्योंकि यह पैटर्न स्टॉक चार्ट पर बार-बार बनते हुए दिखेगा। डबल टॉप सबसे कॉमन चार्ट पेटर्न है जो आपने कई बार देखा होगा।
इस पैटर्न में आप देखेंगे कि पहले स्टॉक प्राइस ऊपर की ओर बढ़ता है फिर किसी रेजिस्टेंस लेवल से टकराकर नीचे की ओर जाता है और फिर किसी सपोर्ट लेवल से टकराकर वापस ऊपर की ओर जाता है। इसके बाद प्राइस दोबारा उसी रेजिस्टेंस लेवल पर टकराकर वापस नीचे की ओर लौट जाता है।
तो इस प्रकार की प्राइस मूवमेंट के कारण चार्ट पर जो पैटर्न बनता है उसे हम ‘डबल टॉप चार्ट पेटर्न‘ कहते हैं।
इस पैटर्न में 2 रेसिस्टेंस या टॉप क्रिएट हो जाते हैं इसीलिए इसे डबल टॉप बोला जाता है। यह पैटर्न चार्ट पर अंग्रेजी के अक्षर ‘M‘ के आकार का दिखता है।
यह चार्ट पेटर्न बताता है कि प्राइस ने दो बार ऊपर जाने की कोशिश की लेकिन बाजार में sellers हावी है जो प्राइस को नीचे ले जाना चाहते हैं। मतलब उस रेजिस्टेंस लेवल पर बहुत सारे sellers बैठे हुए हैं जो प्राइस को बार-बार गिरा देते हैं।
अब समझते हैं कि डबल टॉप चार्ट पेटर्न बनने पर आपको एंट्री कब लेनी है–
जब प्राइस अपने सपोर्ट लेवल को तोड़ देता है तो यह आपके लिए ट्रेड करने का बहुत अच्छा मौका होता है ऐसे में आपको सपोर्ट लेवल के टूटते ही अगली कैंडल के low पर एंट्री लेनी चाहिए।
और आपका टारगेट वही होना चाहिए जो इस सपोर्ट और ऊपर रेजिस्टेंस के बीच का अंतर है।
मान लीजिये कि सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच का प्राइस डिफरेंस 100 रुपये है तो सपोर्ट लेवल पर ब्रेक आउट होने पर नीचे की ओर आप का टारगेट भी 100 रुपये होना चाहिए।
दोस्तों यह एक पावरफुल पैटर्न है जिसका उपयोग करके बहुत सारे ट्रेडर्स रोजाना प्रॉफिट कमाते हैं। लेकिन शर्त यह है कि आपको इस चार्ट पैटर्न को अच्छे से देखना आना चाहिए।
डबल टॉप चार्ट पेटर्न का कंफर्मेशन करने के लिए आप नीचे दी गई बातों का ध्यान रख सकते हैं;
- इस पैटर्न में आप देखेंगे कि डबल टॉप में जो पहला टॉप (रेसिस्टेंस) होगा उस पर वॉल्यूम ज्यादा होंगें जबकि दूसरे टॉप पर थोड़े कम वॉल्यूम होंगे।
- इससे आपको कंफर्मेशन मिल जाता है कि सच में वह डबल टॉप पेटर्न है या नहीं।
- याद रखें- सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच में जितने प्राइस का अंतर है उतना ही आपको सपोर्ट के नीचे टारगेट मिल सकता है।
- मतलब ब्रेकआउट के बाद आपका नीचे की ओर टारगेट ऊपर के सपोर्ट और रेजिस्टेंस का अंतर होना चाहिए।
यह भी याद रखें कि–
- जब भी आप इस पैटर्न में सपोर्ट लेवल टूटने के बाद एंट्री ले तो वॉल्यूम जरूर चेक कर लें।
- अगर volume अच्छा खासा हैं तो ही ट्रेड करें वरना ट्रेड मत करें।
- सपोर्ट टूटने के बाद प्राइस थोड़ा सा ऊपर जाता है उसके बाद नीचे की जाना शुरू आता है।
- सपोर्ट टूटने के बाद प्राइस थोड़ा ऊपर जाने पर नए लोग घबरा जाते हैं कि शायद उन्होंने गलत एंट्री ले ली है लेकिन आप को समझना चाहिए कि प्राइस थोड़ा retrace होता है।
- इसलिए आपको घबराना नहीं है क्योंकि अगर selling volume अच्छा खासा है तो इसका मतलब है कि मार्केट में sellers एक्टिवेट हो चुके हैं जो प्राइस को नीचे ले जाएंगे और आपको टारगेट जितना फायदा हो जाएगा।
याद रखिए–
- आपको ट्रेड केवल तभी करना है जब ब्रेकआउट होने पर वॉल्यूम ज्यादा हो
- और दूसरी बात यह कि आपको तभी ट्रेड करना है जब जिस कैंडल पर ब्रेकआउट हुआ है उसकी अगली कैंडल पिछली कैंडल का लो ब्रेक कर देती है।
मतलब जिस कैंडल ने ब्रेकआउट दिया है उसके बाद वाली कैंडल इसके नीचे close होनी चाहिए केवल तब ही आपका ट्रेड सक्सेसफुल होगा।
उम्मीद करता हूं आपको यहां तक समझ आया होगा।
अब तक आपको टारगेट तो पता चल गया कि सपोर्ट और रेजिस्टेंस का प्राइस डिफरेंस ही टारगेट होगा। लेकिन अब सवाल आता है कि स्टॉप लॉस क्या होगा?
तो देखिए आपको स्टॉप लॉस 1:3 रखना चाहिए मतलब अगर आप का टारगेट 100 रुपये का है तो स्टॉप लॉस 30 रुपये लगाना चाहिए।
आशा आता हूं आप डबल टॉप चार्ट पेटर्न को अच्छे से समझ गए होंगें।
2. ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न (Triple Top chart pattern in Hindi)
अगर 3 बार प्राइस उसी रेजिस्टेंस लेवल से टकराकर वापस नीचे की ओर लौट जाता है तो ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न बनता है।
बाकी सब लगभग same ही रहता है। इसीलिए इस पर ज्यादा बात करना व्यर्थ होगा।
3. डबल बॉटम चार्ट पेटर्न (Double Bottom Chart Pattern in Hindi)
यह डबल टॉप चार्ट पेटर्न के बिल्कुल विपरीत है। इसमें जब प्राइस 2 बार उसी रेजिस्टेंस लेवल पर टकराकर ऊपर की ओर लौट जाता है तो चार्ट पर डबल बॉटम चार्ट पेटर्न बनता है।
इस पैटर्न में 2 सपोर्ट या बॉटम क्रिएट हो जाते हैं इसीलिए इसे डबल बॉटम बोला जाता है। यह पैटर्न चार्ट पर अंग्रेजी के अक्षर ‘W‘ के आकार का दिखता है।
ठीक इसी प्रकार जब प्राइस तीन बार same सपोर्ट लेवल से टकराकर वापस ऊपर की ओर लौट जाए तो चार्ट पर ‘ट्रिपल बॉटम चार्ट पेटर्न‘ बनेगा।
4. हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न (Head and Shoulders Chart Pattern in Hindi)
इस पैटर्न में आपको तीन टॉप देखने को मिलेंगे लेकिन बीच वाला टॉप ऊपर को होगा और अगल बगल वाले दोनों टॉप उससे थोड़ा नीचे होंगे. जो बीच वाला टॉप होता है वह सिर की तरह लगता है और जो अगल बगल वाले टॉप होते हैं वह कंधे की तरह लगते हैं इसीलिए इस चार्ट पेटर्न को ‘हेड एंड शोल्डर चार्ट पैटर्न‘ कहा गया है।
इसमें सबसे पहले प्राइस ऊपर की ओर जाना शुरू होता है फिर किसी रेजिस्टेंस एरिया से टकराकर नीचे चला जाता है फिर दोबारा नीचे सपोर्ट से ऊपर की ओर जाना शुरू होता है।
लेकिन इस बार पहले वाले रेजिस्टेंस एरिया से भी थोड़ा और ऊपर जाता है और फिर दोबारा गिरना शुरू होता है वह करते-करते सबसे पहले वाले सपोर्ट लेवल तक आ जाता है और फिर दोबारा ऊपर की ओर जाना शुरू होता है और अब तीसरी बार प्राइस पहले वाली रेसिस्टेंट लेवल जितना ही ऊपर जा पाता है और वापस नीचे आ जाता है।
तो इस प्रकार की प्राइस मूवमेंट की वजह से चार्ट पर हेड एंड शोल्डर पेटर्न बनते हुए दिखता है।
इस चार्ट पैटर्न में पहले और तीसरे रेसिस्टेंट समान लेवल पर होते हैं और बीच वाला रेजिस्टेंस थोड़ा ऊपर की ओर होता है।
अब बात आती है कि हमें एंट्री कहां पर लेनी है–
जब नीचे सपोर्ट लेवल टूटेगा तो आप एंट्री ले सकते हैं और आपका टारगेट वही होगा जो सपोर्ट लेवल से ऊपर बीच वाले बड़े रेजिस्टेंस का अंतर है।
और stop loss आप 1:3 का लगा सकते हैं।
5. रिवर्स हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न (Reverse Head and Shoulders Chart Pattern in Hindi)
जब आपको चार्ट पर उल्टा हेड एंड शोल्डर पेटर्न देखने को मिले तो उसे ‘रिवर्स हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न’ कहते हैं। इसमें सिर नीचे की ओर होता है और कंधे ऊपर की ओर।
इस पैटर्न में आपको दिखेगा की प्राइस पहले डाउनट्रेंड में चल रहा होता है और फिर किसी सपोर्ट से टकराकर ऊपर जाना शुरू होता है फिर थोड़ा ऊपर जाने पर किसी रेजिस्टेंस लेवल्स टकराकर नीचे चला जाता है।
लेकिन इस बार पहले वाली सपोर्ट से थोड़ा और नीचे वाले सपोर्ट लेवल से टकराकर ऊपर की ओर बढ़ना शुरू होता है और फिर पहले वाली रेजिस्टेंस से टकराकर नीचे की ओर जाता है और पहले वाले सपोर्ट से ही बढ़ना शुरू हो जाता है।
तो इस प्रकार की प्राइस मूवमेंट की वजह से चार्ट पर रिवर्स हेड एंड शोल्डर पेटर्न बनते हुए दिखता है।
इस चार्ट पैटर्न में ट्रेड की बात करें तो,
जब नीचे रेजिस्टेंस लेवल टूटेगा तो आप एंट्री ले सकते हैं और आपका ऊपर की ओर टारगेट वही होगा जो रेसिस्टेंस लेवल और सपोर्ट लेवल का अंतर है।
अभी तक हमने बात करी रिवर्सल चार्ट पेटर्न के बारे में जिसमें ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन होने पर ट्रेंड रिवर्स हो जाता है।
मतलब अगर ट्रेंड लगातार ऊपर जा रहा है तो वह नीचे जाने लग जाएगा और अगर नीचे जा रहा है तो ऊपर जाने लग जाएगा।
Reversal chart patterns के अंतर्गत मैंने आपको इन चार्ट patterns के बारे में बताया है–
- डबल टॉप
- डबल बॉटम
- ट्रिपल टॉप
- ट्रिपल बॉटम
- हेड एंड शोल्डर
- रिवर्स हेड एंड शोल्डर
अब बात करते हैं दूसरे प्रकार के चार्ट पेटर्न के बारे में जिसका नाम है कंटीन्यूएसन चार्ट पैटर्न्स. इनमें ट्रेंड पहले तो uptrend या downtrend में चल रहा होता है लेकिन कुछ समय के लिए वह sideways हो जाता है मतलब एक ही रेंज में घूमता रहता है।
Continuation chart patterns में दो पैटर्न आते हैं–
- Bullish Rectangle
- Bearish Rectangle
सबसे पहला continuation पैटर्न जो चार्ट पर बनता है उसका नाम है–
7. बुलिश रेक्टेंगल (Bullish Rectangle Chart Pattern in Hindi)
इसमें सबसे पहले आप देखेंगे कि प्राइस uptrend में होता है उसके बाद जहां से प्राइस नीचे जाना शुरू हुआ वहां से उसे रेजिस्टेंस मिला और जहां से ऊपर जाना शुरू हुआ वहां उसे सपोर्ट मिला तो प्राइस सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच में कुछ देर तक घूमता रहता है।
अगर आप इस सपोर्ट और रेजिस्टेंस की रेंज के चारों ओर एक Rectangle या box बना दें तो यह बुलिश रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न कहलायेगा।
इस चार्ट पैटर्न में आप देखते हैं कि प्राइस शुरू से ही uptrend में चल रहा होता है फिर कुछ देर तक सपोर्ट और रेसिस्टेंट के बीच घूमता रहता है। उसके बाद Rectangle के ऊपर की ओर मतलब रेजिस्टेंस के ऊपर ब्रेकआउट होता है और फिर वापस uptrend कंटिन्यू हो जाता है
तो इस प्रकार प्राइस में होने वाली मूवमेंट से चार्ट पर बुलिश रेक्टेंगल pattern बनता है।
अगर एंट्री की बात करें तो,
जब रेजिस्टेंस टूट जाता है तो आप वॉल्यूम का कंफर्मेशन लेकर एंट्री ले सकते हैं और आप का टारगेट सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच का अंतर होगा। stop loss आप 1:2 या 1:3 अपने रिस्क मैनेजमेंट के अनुसार रख सकते हैं।
8. बेरिश रेक्टेंगल (Bearish Rectangle Chart Pattern in Hindi)
यह चार्ट पैटर्न बुलिश रेक्टेंगल का बिल्कुल उल्टा है।इसमें आप देखेंगे कि मार्केट में mazor downtrend चल रहा होता है और अचानक से मार्केट sideways हो जाती है मतलब प्राइस सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच घूमने लगता है तो इसके चारों ओर बॉक्स बनाने पर Bearish Rectangle Chart Pattern बनता है।
इसमें ब्रेकआउट सपोर्ट टूटने पर नीचे की ओर होता है इसीलिए आपको एंट्री भी सपोर्ट टूटने के बाद लेनी चाहिए।
लेकिन याद रहे, एंट्री लेने से पहले वॉल्यूम जरूर चेक कर लें।
ऊपर इतने सारे चार्ट पेटर्न देखने के बाद स्टॉप लॉस और टारगेट तो अब तक आपको पता चल ही गए होंगे।
जब हम कैंडल्स देखते हैं तो ब्रेकआउट वाली कैंडल के बाद जो कैंडल बनती है उसके high या low पर हम एंट्री लेते हैं यह निर्भर करता है कि ब्रेकआउट ऊपर की ओर हुआ है या नीचे की ओर
और stop loss पहली वाली candle के high या low पर लगाते हैं।
लेकिन यहां पर हम कैंडल्स की नहीं चार्ट पेटर्न की बात कर रहे हैं जिसमें 1:2 का स्टॉप लॉस रखना चाहिए।
और support और resistance के बीच का price difference ही आपका टारगेट होना चाहिए।
अब बात करते हैं न्यूट्रल पैटर्न्स (Neutral patterns) के बारे में, ये दो प्रकार के होते हैं-
- Symmetrical Contracting Triangle
- Symmetrical Expanding Triangle
जिसमें सबसे पहला है,
9. Symmetrical Contracting Triangle Chart Pattern in Hindi
इस चार्ट पेटर्न की खास बात यह है कि इसमें सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच की रेंज लगातार छोटी होती जाती है।
इसमें आप देखेंगे कि कॉन्ट्रैक्ट होते हुए प्राइस एक रेंज में आकर फस जाता है। इसमें प्राइस ऊपर जाता है रेजिस्टेंस मिलने पर नीचे आता है फिर जो सपोर्ट मिलता है वह पहले वाले सपोर्ट से ऊपर होता है फिर जो रेजिस्टेंस बनता है वह पहले वाले रेजिस्टेंस से नीचे बनता है।
जब आप ऊपर के सभी रेजिस्टेंस को मिलाकर ट्रेंडलाइन बनाते हैं तो वह ट्रेंडलाइन नीचे की ओर झुकी रहती है और जब आप नीचे के सभी सपोर्ट को मिलाकर ट्रेंडलाइन बनाते हैं तो वह ऊपर की ओर होती है और यह सपोर्ट और रेजिस्टेंस वाली दोनों ट्रेंडलाइन किसी एक पॉइंट पर जाकर मिलती हैं जिससे एक Triangle का आकार बन जाता है।
जोकि एक Symmetrical Contracting Triangle है।
इसमें ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन कुछ भी हो सकता है। अगर volume ऊपर की ओर ज्यादा आते हैं तो ब्रेकआउट हो सकता है और अगर वॉल्यूम sell साइड अधिक होते हैं तो ब्रेकडाउन हो सकता है।
जब ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन होगा तब आपको एंट्री लेना है। आपका टारगेट सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच का अंतर होगा।
अब आप बोलेंगे कि इस चार्ट पेटर्न में तो सपोर्ट और रेजिस्टेंस लगातार नीचे आते जा रहे हैं तो आपको बता दें कि पहले वाला सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच का अंतर जो सबसे बड़ा होता है) वही आप का टारगेट होना चाहिए।
और stop loss 1:2 का लगा सकते हैं।
10. Symmetrical Expanding Triangle Chart Pattern in Hindi
इस चार्ट पेटर्न की खास बात यह है कि इसमें सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच की रेंज लगातार बड़ी होती जाती है।
इस चार्ट पैटर्न में आप देखेंगे कि हर बार जो सपोर्ट और रेजिस्टेंस बनेगा वह पहले वाले सपोर्ट या रेजिस्टेंस के ऊपर या नीचे बनेगा।
मतलब जब दूसरा वाला रेजिस्टेंस बनेगा तो वह पहले रेजिस्टेंस से थोड़ा ऊपर बनेगा, और तीसरा रेजिस्टेंस दूसरे वाले रेसिस्टेंट से थोड़ा ऊपर बनेगा।
ठीक इसी प्रकार जब दूसरा वाला सपोर्ट बनेगा तो वह पहले वाले सपोर्ट से थोड़ा नीचे बनेगा और तीसरा सपोर्ट दूसरे वाले सपोर्ट से थोड़ा और नीचे बनेगा।
इस प्रकार चार्ट पर आपको एक Symmetrical Expanding Triangle बनते हुए दिखता है।
जब आप सपोर्ट और रेजिस्टेंस पर ट्रेंडलाइन बना देते हैं तो Symmetrical Expanding Triangle chart pattern आपको साफ-साफ दिखने लगता है।
अब तक अनुमान लगा लिया होगा कि आपको entry कहां पर लेनी है।
जी हां आपने सही सोचा, दोनों ट्रेंडलाइन में से जिस ट्रेंडलाइन पर ब्रेक आउट या ब्रेकडाउन होता है वहां पर आपको एंट्री लेनी है।
सबसे बाद वाली सपोर्ट और रेजिस्टेंस रेंज का अंतर ही आपका टारगेट होगा और स्टॉप लॉस वही 1:2 का लेकर चलें।
इसके अलावा आप चाहे तो जब तक ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन नहीं होता है तब तक इस trendline रेंज के अंदर भी ट्रेड कर सकते हैं।
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