सपोर्ट और रेजिस्टेंस ( Support & Resistant In Hindi )

 

सपोर्ट और रेजिस्टेंस ( Support & Resistant In Hindi )


दोस्तों, तकनीकी विश्लेषण में एक और चीज काफी महत्वपूर्ण होती है जिसे सपोर्ट और रेजिस्टेंस ( Support and Resistant ) कहते हैं। 

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि ये दोनों एक प्रकार से अवरोधक का कार्य करते हैं।

 यह दोनों बिंदु हमे किसी शेयर की चाल कैसी होगी का अनुमान पहले से ही दे देते हैं।

इसकी मदद से हम किसी स्टॉक में आगे कैसा रुझान होगा को पहले से ही समझ सकते हैं।

Support और Resistant इन दोनों बिन्दुओ के द्वारा हमे यह भी ज्ञात हो जाता है कि कहाँ पर मांग बढ़ रही है और कहाँ पर आपूर्ति बढ़ रही है। 

यह दोनों बिन्दु तकनीकी विश्लेषण का मुख्य आधार है, इसलिए दोनों को संक्षेप में समझ लेना जरूरी हैं –

 सपोर्ट किसे कहते है ? ( Support Kya Hai ) 

 जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि सपोर्ट एक अवरोधक का कार्य करता है।

यानी कि जब किसी शेयर का भाव गिरने लगता है तो गिरते – गिरते एक ऐसे बिंदु पर पहुंच जाता है जहाँ अवरोध उत्पन्न होने लगता है।

इसी बिंदु को Support कहते हैं। सपोर्ट किसी शेयर के भाव को और नीचे गिरने से रोकने की कोशिश करता  है।

और उस शेयर के भाव को वहीं से फिर ऊपर उछलने में मदद करता है।

साधारण भाषा मे हम ये कह सकते हैं कि Support वह रेखा या बिंदु है जो किसी स्टॉक के भाव को उससे नीचे गिरने से रोकती है,

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और उस स्टॉक के भाव को Support रेखा अथवा बिंदु से ही फिर ऊपर उछलने में मदद करती है।

जब किसी शेयर का भाव नीचे गिरते – गिरते अपने Support बिंदु पर जाकर रुक रहा हो, तो इस बात की ज्यादा संभावना बनती है कि अब इसके भाव मे भारी उछाल आने वाला है,

अर्थात अब इस शेयर के भाव बहुत तेजी से बढ़ने वाले है।

 रेजिस्टेंस क्या है ? ( Resistant Kya Hai ) 

 जैसे कि Support किसी स्टॉक के भाव को एक निश्चित बिन्दु से नीचे गिरने में अवरोध उत्पन्न करता है,

ठीक इसके उलट Resistant किसी शेयर के भाव को एक निशचिंत बिन्दु से ऊपर बढ़ने में अवरोध उत्पन्न करता है।

  जहां सपोर्ट एक मांग ( Demond ) क्षेत्र उत्पन्न करता है, जिससे भाव बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है, 

वहीं रेजिस्टेंस आपूर्ति क्षेत्र बनाता है जहाँ से भाव गिरने की उम्मीद ज्यादा होती है।

यदि किसी शेयर का भाव बढ़ते – बढ़ते किसी ऐसे बिंदु अथवा लाईन पर पहुँचता है, जहां से और ऊपर बढ़ने में अवरोध उत्पन्न होने लगता है इसी बिंदु अथवा रेखा को Resistant कहते हैं।

रेजिस्टेंस किसी शेयर के भाव को और ऊपर बढ़ने से रोककर फिर से नीचे ढकेलने का प्रयास करता है।

जब किसी स्टॉक का भाव अपने Resistant पर जाकर रुक रहा हो तो तो इसके भाव बहुत तेजी से नीचे  गिरने की भी संभावना बन जाती है।

 तो आपने देखा कि एक तकनीकी विश्लेषक कैसे Chart में Support और Resistant बिंदु की पहचान कर के पहले से ही पता कर लेता है कि,

 किस बिन्दु से शेयर का भाव गिरेगा और किस बिन्दु से किसी शेयर का भाव बढ़ेगा। 


निष्कर्ष ( The Conclusion )

दोस्तों, Technical Analysis की यही विशेषता होती है कि शेयर के भावों में भविष्य में क्या – क्या परिवर्तन हो सकते हैं, इसकी काफी जानकारी और संकेत हमें बहुत पहले से ही मिलने लगते हैं।

उम्मीद है कि अब आप समझ गए होंगे कि तकनीकी विश्लेषण के द्वारा विभिन्न प्रकार के Chart Patterns और Support & Resistant बिंदु द्वारा मिले संकेतों को समझ लेने के बाद ट्रेडिंग कितनी आसान हो जाती है। 

आगे आने वाले कुछ लेखों में हम तकनीकी विश्लेषण की कुछ और महत्वपूर्ण विशेषताओं के बारे में जानेंगे।

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